सुलतानपुर: जर्जर व जानलेवा हो चुके टांडा-बांदा हाईवे स्थित लखनऊ नाका ओवरब्रिज के जीर्णाेद्धार का काम शुरू कर दिया गया है। गभड़िया से सब्जी मंडी तक बने इस ओवरब्रिज के जर्जर हो चुके ज्वाइंट सेक्शन (गाडर) को बदलने के साथ-साथ सड़क का समतलीकरण भी किया जा रहा है। निर्माण कार्य के चलते ओवरब्रिज से भारी वाहनों की आवाजाही को रोक दी गई है।
लगातार हो रहे हादसों से लिया सबक
गाडर के खराब होने व पुल पर आए उभार के चलते लगातार हादसे हो रहे थे। अभी हाल ही में 16 फरवरी की रात करीब दस बजे एएनएम रागिनी तिवारी की इसी ओवरब्रिज पर अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। आठ महीने पहले भी इसी स्थान पर पति के साथ मांगलिक कार्यक्रम में शरीक होने जा रही लखनऊ नाका निवासी रीना को ट्रक ने रौंद दिया था। इसके अलावा भी आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसके अलावा दो गाडरों के बीच गैपिग में कमी होने व इनके जर्जर होने से भारी वाहनों की आवाजाही से खतरे की आशंका बढ़ गई थी।
33 लाख की लागत से बदले जाएंगे 48 गाडर
तकरीबन पांच सौ मीटर के टू लेन वाले इस ओवरब्रिज पर 24 ज्वाइंट सेक्शन बनाए गए हैं। एक ज्वाइंट सेक्शन पर दो गाडर समेत कुल 48 गाडर लगाए गए हैं। वाहनों की आवाजाही के चलते दो गाडर टकराकर टूट न जाएं, इसलिए उनमें गैपिग दी जाती है। तकरीबन 25 साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के कारण जर्जर होने के साथ-साथ गाडर के बीच गैपिग कम हो गई थी। रिपेयरिग के लिए विभाग की तरफ से 33 लाख पांच हजार रुपये का बजट जारी किया गया है 8 मार्च तक का दिया गया समय शहर के बीचों-बीच बस स्टाप, सब्जी मंडी व लखनऊ-बलिया राजमार्ग होने के चलते इस मार्ग पर वाहनों का तांता लगा रहता है। बड़े वाहनों की आवाजाही भी इस रूट से बहुतायत होती है। निर्माण कार्य पूरा करने के लिए आठ मार्च तक का समय दिया गया है। वाहनों की आवाजाही के लिए पयागीपुर व अयोध्या-प्रयागराज बाईपास पर रूट डायवर्जन किया गया है।
विभाग द्वारा दिन-रात काम किया जा रहा है, जिसे तय समय सीमा तक पूरा कर लिया जाएगा। गाडर लगने के बाद सड़क का समतलीकरण भी किया जाएगा। सीमेंटेट रोड बनाने के बाद कुछ दिनों के लिए दो पहिया वाहनों की भी आवाजाही रोक दी जाएगी।
सी डी मिश्रा, अवर अभियंता पीडब्ल्यूडी ने जानकारी दी