एडीजी ने जब कहा पिस्टल खोलकर दिखाओ तब दारोगा का हाथ कांपने लगा और मैगजीन जमीन पर गिर गई

थाने में जब ADG ने कहा- पिस्टल खोलकर दिखाओ तो दरोगा के कांपने लगे हाथ और गिर गई मैगजीन


फर्रुखाबाद में एडीजी ने पिस्टल खोलने के लिए बोला तो दरोगा के हाथ कांपने लगे.
फर्रुखाबाद. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार सूबे में 112 सेवा लांच कर हाईटेक होने का दावा जरूर कर रही हो, जबकि जमीनी हकीकत इसके उलट है. दरअसल कानपुर मंडल एडीजी प्रेम प्रकाश समाधान दिवस के मौके पर जनपद फर्रुखाबाद पहुंचे थे. थाना राजेपुर में जनसुनवाई के बाद एडीजी ने थाने का हाल जानना शुरू किया तो सारी सच्चाई सामने आती चली गई. पुलिसकर्मियों से एडीजी ने आईजी और डीएम के नाम पूछे तो वह जवाब नहीं दे सके. यह देख एडीजी ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने राजेपुर थानाध्यक्ष से कहा कि अगली बार अगर थाने में यह हाल मिल गया तो देखना तुम्हारा क्या हाल बनाता हूं.अपराध रजिस्टर में आईजी का नाम गलत कानपुर मंडल एडीजी प्रेम प्रकाश समाधान दिवस के मौके पर जनपद फर्रुखाबाद पहुंच गए. थाना राजेपुर में जनसुनवाई के बाद उन्होंने अपराध रजिस्टर को चेक किया. जिसमें आईजी जोन का नाम गलत व एडीजी का नाम गायब मिला. इसपर अचानक एडीजी ने बीट सिपाही से लेकर चौकी प्रभारी से आईजी, एसपी, डीएम के नाम के बारे में पूछताछ की. जिसपर पुलिसकर्मी असहज हो गए और जवाब नहीं दे सके. इतना ही नहीं एडीजी ने बीट सिपाहियों से हिस्ट्रीशीटरों की संख्या व कुछ सक्रिय बदमाशों के नाम को जानने का प्रयास किया, लेकिन जवाब सही नहीं मिलने पर वह असंतुष्ट हो गये थानाध्यक्ष समेत सभी पुलिसकर्मियों को लगी फटकार


इस बीच दरोगा संजय यादव से पिस्टल खोलने को कहा तो घबराहट में सिपाही से पिस्टल की मैगजीन ही जमीन पर गिर गई. जिसपर एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा कि पिस्टल खोलना आता भी है या सिर्फ लगाकर चला देते हो. इस दौरान उन्होंने राजेपुर थानाध्यक्ष जयंती प्रसाद गंगवार समेत पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार भी लगाई.                सिपाहियों को जानकारी का अभाव है तो दोषी सुपरवाइजर अधिकारी: एडीजी


पुलिस के हालात देख इस बात का साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि थानों में चल रही पुलिसिंग की व्यवस्था राम भरोसे ही है. अपराधियों से निपटना तो दूर अपने पास हथियारों को सुरक्षित रखना भी इनके लिए मुश्किल का बना हुआ है. वहीं पूरे मामले पर एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया की सिपाहियों की जानकारी के आभाव में सुपरवाइजर अधिकारी दोषी हैं, जानकारी नहीं ली जाती है लेकिन आगे इनको निरंतर अभ्यास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही समस्या का समाधान किया जायेगा और इनकी ट्रेनिंग को निरंतर कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.


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