अवध यूनिवर्सिटी के वी सी और परीक्षा नियंत्रक करोड़ो के गबन में फंसे, दर्ज हुई एफआईआर
. अयोध्या ।शासन के निर्देश पर एसआईटी को अवध यूनिवर्सिटी में घोटाले कीजांच , मे प्रथमदृष्टया 9 करोड़ से अधिक का घोटाले पर एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई करने का आदेश उच्च शिक्षा सचिव ने दिया था परंतु अभी तक मामला ठंडे बस्ते में था प्रांत 18 अक्टूबर के एसईजेड प्रथम के आदेश से कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज हो गई है। अयोध्या शहर के डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और प्रभारी कुलसचिव रहे एएम अंसारी भ्रष्टाचार के आरोप में फंस है और उनके ऊपर करोड़ो रुपए की अनियमितता और अपने अधिकार के दुरुपयोग करने का आरोप जांच में प्रमाणित है। विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अनिल कुमार की शिकायत पर शासन ने एसआईटी जांच करवाई थी जिसमें एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने अवध विश्वविद्यालय को पूर्व परीक्षा नियंत्रक एएम अंसारी पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया । कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार दीक्षित इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने से बचते रहे परंतु कोर्ट के आदेश से अंत में पूर्व कुलपति और कुलसचिव परीक्षा नियंत्रक सहित संबंधित के खिलाफ f.i.r. कोतवाली नगर में दर्ज हो गई है पूर्व के प्रकरणों की भांति इस घोटाले पर भी पर्दा डाल दिया जाता।शासन के निर्देश पर एसआईटी जांच कर रही थी मामले की जांच प्रथमदृष्टया 9 करोड़ से अधिक का घोटालाविश्वविद्यालय के परीक्षा की कॉपियां पेपर पेंटिंग कराने वाहनों के अनियमित प्रयोग अपनी पुत्री को सबसे अधिक अंक दिलवाने सुरक्षा एजेंसी के चयन में अनियमितता करने यो 2 शिक्षकों की नियम विरुद्ध नियुक्ति करने की शिकायत पर शासन ने एसआईटी जांच कराई थी। एसआईटी जांच की रिपोर्ट को शासन ने संज्ञान में लिया है और अवध विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रभारी कुलसचिव परीक्षा नियंत्रक एएम अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने का निर्देश दिया । एएम अंसारी पर लगभग 9 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। एएम अंसारी के साथ-साथ विश्वविद्यालय के तत्कालीन उपकुलसचिव सहायक कुलसचिव वित्तअधिकारी सहित अन्य लोगों भी इस भ्रष्टाचार के दायरे में आएंगे अवध विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने 40 बिन्दुओं को लेकर की थी शिकायत इस मामले की जांच अपराध अनुसंधान संगठन को सौंपने का फैसला लिया गया है। एसआईटी की जांच में विश्वविद्यालय में नियुक्ति महाविद्यालयो की संबद्धता और सुरक्षा संबंधित मामलों में लगभग 40 बिंदु पर शिकायत की गई थी जिसमें एसआईटी ने 27 बिंदुओं पर जांच की है और शासन को रिपोर्ट सौंपी है। जांच रिपोर्ट में मनमानी तरीके से महाविद्यालय को संबद्धता प्रदान करने का भी मामला सामने आया है। कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने बताया कि शासन के निर्देश पर जल्द ही तत्कालीन कुलपति परीक्षा नियंत्रक व प्रभारी कुलसचिव रहे एएम अंसारी सहित कई अन्य अधिकारियों पर भी मुकदमा दर्ज होगा। प्रारम्भिक तौर पर 9 करोड़ से अधिक की धनराशि का दुरुपयोग पाया गया है | परंतु कुलपति ने एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश विश्व विद्यालय के किसी सक्षम अधिकारी को नहीं दिए परंतु कोर्ट के आदेश एफ आई आर दर्ज होने पर विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है और पूर्व कुलपति सहित 1 दर्जन से अधिक लोग इस भ्रष्टाचार की डायरी में आ सकते हैं और उनको जेल भी जाना पड़ सकता है